दौसा। देव भाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं विषयगत कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से संस्कृत भारती दौसा की ओर से आदर्श विद्या मंदिर गेटोलाव परिसर दौसा में चल रहे तीन दिवसीय आवासीय संस्कृत संभाषण शिविर का मंगलवार को समापन हुआ।
संस्कृत भारती के अलवर विभाग सह संयोजक लोकेश शर्मा संस्कृत ने बताया कि शिविर में दौसा के अलावा अलवर, मंडावर, महवा, बांदीकुई, बसवा, सिकराय और लालसोट के संभागियों ने विभिन्न शिक्षण सामग्रियों के माध्यम से रोचक तरीके से खेल-खेल में संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। ताकि आम बोलचाल की भाषा में भी इसका उपयोग किया जा सकें। शिविर के दौरान सभी ने सुबह जागरण से लेकर रात्रि शयन तक सामान्य बोलचाल में संस्कृत भाषा का ही उपयोग किया। शिविर में संभागियों की संस्कृत भाषा में अभिरुचि विकसित करने व उनमें संस्कृत को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए कौशल विकसित करने का प्रयास किया गया। साथ ही शिविर में प्रातः स्मरण, योगाभ्यास, संस्कृत व्याकरण अभ्यास, संस्कृत संभाषण का अध्ययन, खेल गतिविधियों के माध्यम से संस्कृत का अध्यापन, संख्या क्रीड़ा, विभक्तियों का अभ्यास व संस्कृत भाषा के महत्व पर चर्चा की गई।
समापन के मौके पर संस्कृत भारती के विभाग संगठन मंत्री विमल कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दौसा सह नगर कार्यवाह घनश्याम शर्मा, सह जिला कार्यवाह चंद्रशेखर जांगिड़, संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य सीताराम गुर्जर, जिला संयोजक विकास तिवाड़ी, सह संयोजक डॉ मदन लाल शर्मा, रामकेश मीना, विमलेश शर्मा, तेजेंद्र भारद्वाज, प्रहलाद गुमानपुरा, आचार्य उमाशंकर शर्मा, नितिन, मनोज मीना, महेश शर्मा, सुरेश कुंभकार, अंकित टांक, गोविंद, आयुषी, दिविशा आदि संस्कृत भारती के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
समापन से पूर्व संस्कृत शोभा यात्रा का आदर्श विद्या मंदिर से लेकर गेटोलाव तक आयोजन किया गया जिसमें संस्कृत उद्घोष वाक्य का, संस्कृत गीतों, और संस्कृत नाटक आदि का प्रदर्शन करते हुए सभी राहगीरों को दीपावली की संस्कृत में अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की।