घोषणा पत्र में शामिल करें पत्रकार सुरक्षा कानून भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की सभी राजनीतिक दलों से मांग
नयी दिल्ली। भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ ने आज नयी दिल्ली जनपथ स्थित वेस्टर्न कोर्ट में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सभी राजनीतिक दलों से यह मांग की कि पत्रकार सुरक्षा कानून सहित पत्रकारों की अन्य लंबित मांगों को सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें।
देश के सबसे बड़े श्रमजीवी पत्रकारों के संगठन भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ ने नई दिल्ली जनपथ स्थित वेस्टर्न कोर्ट में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की
बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए। संघ ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सबसे पुराने पत्रकार यूनियन उपजा' एवं उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की संबद्धता प्रदान की।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि श्रमजीवी पत्रकारों के लिए कुछ राज्यों ने पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार पेंशन योजना, पत्रकार आवास योजना और पत्रकार बीमा योजना प्रारंभ की है किंतु राष्ट्रीय स्तर पर ये समस्त योजनाएं अब तक लागू नहीं हो पाई है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में पत्रकारों की निम्नलिखित मांगें समाहित करने का अनुरोध करते हैं।
पारित प्रस्ताव के मुताबिक पत्रकारों को अपने पत्रकारीय कार्य के दौरान कुछ अप्रिय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे हालात में पत्रकार सुरक्षा कानून पूरे देश में एक साथ लागू किया जाना अवश्यंभावी होगा। एक पत्रकार अपने पूरे जीवन काल में न्यूनतम मानदेय पर संघर्षपूर्ण जीवन जीता है और जीवन के उत्तरार्ध में उसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में पत्रकारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक पेंशन योजना भी बनाई जाना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है कि पत्रकारों के लिए उनके आवास की एक मुकम्मल योजना देश के लगभग हर जिला मुख्यालय पर बनाई जानी चाहिए।
अनिश्चितता के माहौल में जीवन जी रहे श्रमजीवी पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा योजना लागू की जानी चाहिए। कार्यकारिणी ने नेशनल हाई वे पर टोल से पत्रकारों को राष्ट्रीय स्तर पर छूट संबंधित प्रस्ताव पर भी चर्चा कर इसे पारित किया ।