देश की एकता व अखंडता के लिए अहिंसा जरूरी: गहलोत
वैचारिक प्रदूषण और नफरत खतरनाक: लोकेश मुनि 

मुख्यमंत्री ने 18 प्रतिभाओं को किया 'माणक अलंकरण' से समानित

कोविड से दिवंगत दो पत्रकारों के परिवारों को 50-50 लाख की सहायता दी 

नागर समाज की अदिति नागर व दौसा के हरिओम गुर्जर को मानक अलंकरण

जोधपुर। मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी के विचारों को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि देश को एक रखने और विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए गांधी दर्शन को आत्मसात करना बहुत जरूरी है। देश की एकता व अखंडता के लिए अहिंसा को जरूरी बताते हुए उन्होने कहा कि राजस्थान में सरकार ने अहिंसा विभाग की स्थापना की है, ताकि इसके माध्यम से शांति, सौहार्द एवं भाईचारे की भावनाओं से भरे संस्कारों का संवहन नई पीढी में हो सके। उन्होंने कहा कि संस्कार ही आगे बढ़ाते हैं। वे आज जोधपुर और जयपुर से प्रकाशित पश्चिमी राजस्थान के अग्रणी समाचार पत्र 'दैनिक जलतेदीप' द्वारा संस्थापित 'माणक अलंकरण' के 38-39-40वे समारोह को  मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। पोलो मैदान स्थित होटल चंद्रा इंपिरियल में आयोजित समारोह में गहलोत ने जोधपुरवासियों से प्राप्त होते रहे आत्मीय प्रेम के प्रति अभिभूत होते हुए आभार जताया और कहा कि जन-जन का उनसे गहरा रिश्ता, प्यार, मोहबत ही है जिसने हमेशा ऊर्जा का अहसास कराया है। प्रदेश में जरूरतमन्दों की सेवा, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी सरोकारों से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्होने इन्हें अपूर्व एवं ऐतिहासिक उपलधि देने वाली बताया।

प्रदेश के विकास में 'जलतेदीप' का अहम योगदान-

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वे युवावस्था से ही 'दैनिक जलतेदीप' से जुडे रहे है। जलतेदीप का प्रथम संस्करण 2 अटूबर 1969 को प्रकाशित किया गया था, उस समय नवभारत टाइस के अक्षयकुमार जैन ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। तब वे 19 वर्ष के थे। ऐसे में जलतेदीप और उनका संबंध 53 वर्ष पुराना है। उन्होने कहा कि अखबार छोटा बडा नहीं होता, उसमें छपे समाचार की वैल्यू होती है। दैनिक जलतेदीप ने इंदिरा गांधी नहर, ब्राडगेज सहित अनेक विकासात्मक मुद्धों के समाचार प्रकाशित किए और आमजन को जोडकर विकास में भागीदारी निभाई। 

लोकतांत्रिक ढ़ाचे में पत्रकारिता की भूमिका अहम- 

गहलोत ने कहा कि समाचार पत्र निकालना तथा समाचारों की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। कोविड महामारी के दौरान समाचार पत्रों के प्रकाशन में कई नई चुनौतियां आई। सरकार द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों को सकारात्मक रूप में जनता तक पहुंचाने में समाचार पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

राजस्थानी की मान्यता दिलाने की प्रक्रिया आगे बढाएंगे- 

गहलोत ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में समाचार पत्रों का अहम योगदान है। राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। लेकिन केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण अभी तक राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिल सकी है। उन्होने सभागार में उपस्थित राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों, लेखकों व शुभचितंको से कहा कि गुजरात चुनाव के बाद जल्द ही राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बैठक आयोजित कर आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। 

महात्मा गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक-

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में समय में गांधीजी के विचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। महात्मा गांधी के नाम से पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान बनी है। गांधी दर्शन से जुड़े आयोजनों में भाग लेने से युवा पीढ़ी में अहिंसावादी संस्कार मजबूत होते हैं तथा उत्कृष्ट मानव संसाधन का निर्माण होता है। श्री गहलोत ने कहा कि उन्हें आमजन की सेवा करने की प्रेरणा गांधी दर्शन से ही मिली। गांधी जी के विचारों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया। पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पारित करवाकर गांधीजी के जन्मदिवस 2 अटूबर को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस घोषित करवाया। राज्य सरकार ने जनमानस में गांधीवादी विचारधारा का समावेश करने के लिए सत्य और अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है। 

लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अहम- 

गहलोत ने कहा कि विविधताओं से परिपूर्ण हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी का स्थान महत्वपूर्ण है। असहमति जताने के अधिकार को संरक्षित करने से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होती है। राज्य सरकार ने तथ्यात्मक आलोचना का हमेशा स्वागत किया है। परन्तु वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों में अभिव्यक्ति का अधिकार लगातार कमजोर किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की आलोचना करने वाले अनेक साहित्यकार व लेखक जेलों में है। 

राज्य में कोविड महामारी के दौरान किया शानदार प्रबंधन-

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी में राज्य ने शानदार प्रबंधन किया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई। केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी मे ड्यूटी में प्राण गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को आर्थिक सहायता का प्रावधान किया लेकिन राज्य सरकार ने कोरोना महामारी में ड्यूटी करते हुए प्राण गंवाने वाले स्वास्थ्य-कर्मियों के साथ-साथ सभी कर्मचारियों व पत्रकारों को भी 50 लाख रूपए का बीमा देने का निर्णय किया। कोई भूखा ना सोए के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। प्रदेश में सर्वेक्षण के माध्यम से 35 लाख अति निर्धन लोगों की पहचान कर उनके निर्वहन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई। राज्य सरकार द्वारा कोविड महामारी में महंगे इंजेशन व दवाइयां आमजन को नि:शुल्क उपलध करवाई गई। ऑसीजन की कमी से राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई। रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों, ठेले वालों आदि को राज्य सरकार द्वारा 5500 रूपए की आर्थिक सहायता दी गई। 

जनकल्याणकारी योजनाओं की चर्चा की-

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज नि:शुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांस्प्लांट, किडनी ट्रांस्प्लांट, कोलियर इप्लांट आदि जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा से जोडने के क्रम में 1 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन दी जा रही है। इन्दिरा रसोई योजना में 8 रूपए में आमजन को पौष्टिक भोजन उपलध कराया जा रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया गया है, साथ ही उन्हें कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलध कराने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समानित पत्रकारों, जनसपर्क कर्मियों और साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारों और लेखन से समाज में उत्कृष्ट योगदान दिया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोरोना से  दिवंगत पत्रकार जुगल परिहार की धर्मपत्नी श्रीमती सीता परिहार तथा दिवंगत पत्रकार आरपी बोहरा की पत्नी श्रीमती शंकुतला बोहरा को 50-50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता के चैक दिए। 

वैचारिक प्रदूषण व नफरत खतरनाक- डॉ लोकेश मुनि

समारोह की अध्यक्षता कर रहे अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैनाचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि हिंसा और आतंक किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होने कहा कि किसी भी देश की प्रगति व विकास के लिए अहिंसा ही एक मात्र रास्ता है। समाचार पत्र को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ बताते हुए उन्होने माणक अलंकरण से समानित प्रतिभाओं को बधाई दी। 
विशिष्ट अतिथि के रूप में तकनीकी शिक्षा एवं जोधपुर जिला प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग, नगर निगम उार की महापौर कुंती परिहार, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र सोंलकी, रीको के स्वतंत्र निदेशक सुनील परिहार व विधायक श्रीमती मनीषा पंवार उपस्थित थी। इससे पूर्व दैनिक जलतेदीप व राजस्थानी मासिक 'माणक' के प्रधान सपादक पदम मेहता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए माणक अलंकरण की यात्रा पर प्रकाश डाला। संचालन नेमीचंद ने किया। 

इस अवसर पर राजस्थान युवा समिति के संस्थापक हिमांशु शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साफा पहनाकर स्वागत करते हुए राजस्थानी को राजभाषा घोषित करने की मांग का ज्ञापन सौंपा। जिस पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। 

 समारोह में दैनिक जलतेदीप के पदम मेहता, दीपक मेहता, आशीष मेहता, विनोद शर्मा, गौतम सुराणा, डॉ रेखा भंसाली व खुशबु मेहता ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया। 

समारोह में विधायक महेन्द्र विश्नोई व किशनाराम विश्नोई, जिला कलटर हिमांशु गुप्ता, निगम के अतिरिक्त आयुक्त बजरंग सिंह चौहान, पूर्व संभागीय आयुक्त रतन लाहोटी, साहित्यकार जेबा रशीद, मिठेश निर्मोही, सत्यनारायण गौड, चन्द्रा आसनानी, डॉ. ज्योतिस्वरूप शर्मा, कल्याण सिंह शेखावत, डीपीआर के पूर्व उप निदेशक आनंदराज व्यास, इंटक के मंडलदा जोशी, पवन मेहता, प्रहलाद सिंह, अरविन्द व्यास, प्रादेशिक माहेश्वरी समाज के सचिव जेएम बूब, नत्थाराम रिणवा, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार, साहित्यकार, जनसंपर्क कर्मी व आमजन सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।


18 प्रतिभाशाली पत्रकारों को माणक अलंकरण से नवाजा

खोजपूर्ण एवं रचनात्मक पत्रकारिता के लिए वर्ष 1981 में स्थापित प्रदेश के प्रथम पत्रकारिता समान 'माणक अलंकरण' 2019 से केआर मुंडियार को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैनाचार्य लोकेश मुनि, तकनीकी शिक्षा एवं जोधपुर जिला प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग, नगर निगम उार की महापौर कुंती परिहार, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र सोंलकी, रीको के स्वतंत्र निदेशक सुनील परिहार व विधायक श्रीमती मनीषा पंवार तथा दैनिक जलतेदीप व राजस्थानी मासिक माणक के प्रधान सपादक पदम मेहता ने प्रतिभाओं को समानित किया। इसी कडी में विशिष्ट पुरस्कार जनसपर्ककर्मी डॉ. कुंजन आचार्य, स्वतंत्र कार्टूनिस्ट अर्जुन सिंह राठौड, इलैट्रॉनिक मीडिया दूरदर्शन समाचार, जयपुर के सहायक निदेशक मुरारी गुप्ता, जलतेदीप समूहकर्मी शेरूद्धीन तथा राजस्थानी लेखन महिला साहित्यकार श्रेणी में डॉ. चांदकौर जोशी को समानित किया गया। वहीं नंदकिशोर सारस्वत को वर्ष-2020 के  माणक अलंकरण से नवाजा गया। विशिष्ट पुरस्कार की जनसपकर्मी श्रेणी में भानुप्रताप सिंह गुर्जर, छायाकार श्रेणी में जयकुमार भाटी, फस्र्ट इंडिया न्यूज की समाचार सपादक अदिती नागर को इलैट्रॉनिक मीडिया, जलतेदीप समूह से मुकेश मांडण व राजस्थानी लेखन महिला साहित्यकार श्रेणी में किरण राजपुरोहित को समानित किया गया। वहीं दैनिक फस्र्ट इंडिया की जोधपुर ब्यूरो श्रीमती संगीता शर्मा को माणक अलंकरण 2021 से नवाजा गया। विशिष्ट पुरस्कार जनसपर्ककर्मी में सूचना जनसपर्क विभाग कोटा के उपनिदेशक हरिओम सिंह गुर्जर, स्वतंत्र कार्टूनिस्ट श्रेणी में मस्तान सिंह, इलेट्रॉनिक मीडिया में न्यूज 18 के चन्द्रशेखर व्यास, जलतेदीप समूहकर्मी श्रेणी में दिल्ली के विशेष संवाददाता गोपेन्द्रनाथ भट्ट तथा डॉ कृष्णा आचार्य को राजस्थानी लेखन महिला साहित्यकार समान से नवाजा गया। भट्ट की अनुपस्थिति में उनका समान वरिष्ठ पत्रकार गुरूदा अवस्थी ने ग्रहण किया।
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